हे संतजनों, १५-१६ दिन की मेहनत के बाद पंडित जी ने आखिर वर्डप्रैस.कॉम वाली धर्मशाला छोड़कर ब्लॉगर धाम की राह पकड़ ही ली।

पहले सारा किस्सा यहीं लिख दिया था लेकिन फिर सोचा अब यहाँ से जा ही रहे हैं तो सब कुछ वहीं लिखेंगे। तो भाइयों बाकी की कथा ब्लॉगर के नए मकान पर यहाँ पढ़िए और टिप्पणियाँ भी वहीं कीजिए। वहाँ जाकर सब बताऊँगा कि ये घर छोड़कर वहाँ जाने का निर्णय क्यों लिया।

नए घर का पता है: http://ePandit.BlogSpot.com

नारदमुनि वैसे तो अन्तर्यामी हैं, लेकिन फिर भी शीघ्र कार्यवाही हेतु उनको खबर कर दी है।

इस चिट्ठे पर अब कभी-कभार टैस्टिंग हेतु या विशेष परिस्थियों में ही पोस्टिंग की जाएगी। कृपया अपने बुकमार्क आदि अपडेट कर लें तथा आगे से सभी टिप्पणियाँ वहीं करें।

अच्छा वर्डप्रैस.कॉम सेठ अब आज्ञा दीजिए। “बहुत बेआबरु होकर तेरी महफिल…”

ब्लॉगर बँधुओं वर्डप्रैस.कॉम से अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर ब्लॉगर पर जाने की सोच रहा हूँ। अब आप लोग बोलेंगे कि भाई ब्लॉगर से वर्डप्रैस (होस्टेड वाला) पर तो जाते सुना है ऐसा काम क्यों ? इसका कारण ये है कि यहाँ के मकान मालिक ने तंग कर दिया। कोई भी काम ठीक से करने ही नहीं देता। बोलता है ये मत करो, वो मत करो, इस पर प्रतिबंध है, उस पर प्रतिबंध है। मैंने पूछा काहे तो बोलता है सिक्योरिटी का चक्कर है। यहाँ रहना है तो ठीक वरना अगर यही सब करना है तो अपना मकान (वेबस्पेस) लेकर उसमें वर्डप्रैस के साथ रहकर करो।

अब एकबार तो मैंने ठान ही लिया कि ऐसा ही करते हैं पर फिर कुछ मित्रजनों की सलाह लेकर और काफी विचार कर सोचा कि ब्लॉगर भईया उदार तो पहले से ही थे अब काफी फेस्लिटी भी दे रहे हैं। तो उनके यहाँ कमरा लेने की सोची है।

अपना डोमेन और वेबस्पेस लेने बारे में मैंने गिरिराज भाई से सलाह ली तो वो बोले कि कुल मिलाकर लगभग सालाना ९००-१००० रुपए पढ़ेगे, लेकिन सिर्फ चिट्ठाकारी के लिए ये सब करना मूर्खता है। मुझे उनकी बात जंची। फिर रविरतलामी जी से ब्लॉगर पर आने बारे सलाह ली तो वो बोले बिल्कुल आ जाओ, ब्लॉगर का भविष्य उज्जवल है ।

वैसे तो ब्लॉगर पर आने का इरादा कर ही लिया। फिर भी आप सब लोग भी इस बारे में अपनी राय जाहिर करिए (वर्डप्रैस Vs ब्लॉगर)

अब कमरा तो ले लिया। सजावट वगैरा तो चलती रहेगी। लेकिन दिक्कत यह हो गई कि ब्लॉगर से वर्डप्रैस/वर्डप्रैस.कॉम पर आने का तो तरीका है लेकिन वर्डप्रैस.कॉम से ब्लॉगर पर पोस्ट और टिप्पणियाँ ले जाने का कोई ऑटोमेटिक तरीका दिखता नहीं। मैनुअल तरीके से पोस्टें तो आ जाएंगी पर टिप्पणियाँ नहीं।शुक्र है कि अभी थोडी़ ही पोस्टें (४३) हैं इसलिए यह काम हो सकता है।

अब मुझे तो निम्न तरीके सूझ रहे हैं:

  1. वर्डप्रैस.कॉम के ब्लॉग में जाकर पोस्ट को कॉपी कर उसे ब्लॉगर के पोस्ट एडीटर में पेस्ट किया जाए। इस विधि द्वारा की गई टैस्ट पोस्ट यहाँ देखिए। ओरिजिनल पोस्ट यहाँ है
  2. वर्डप्रैस.कॉम के पोस्ट-एडीटर में जाकर पोस्ट का HTML कोड कॉपी कर उसे ब्लॉगर के पोस्ट एडीटर में पेस्ट किया जाए। इस विधि द्वारा टैस्ट पोस्ट यहाँ देखिए। ओरिजिनल पोस्ट यहाँ है। इस विधि में ‘नम्बरिंग’ (बुलेटस एंड नम्बरिंग) में फालतू स्पेस आ गया है।
    क्या यह तरीका ठीक है। क्या दोनों ब्लॉग सेवाओं में पोस्टों का अंदरुनी HTML कोड समान होता है।
  3. ‘विंडोज लाइव राइटर’ में वर्डप्रैस.कॉम की पुरानी पोस्टें खोल कर उन्हें ब्लॉगर पर पोस्ट कर दूँ।इस विधि द्वारा टैस्ट पोस्ट यहाँ देखिए। ओरिजिनल पोस्ट यहाँ है

पहला और तीसरा तरीका सही लगता है। आपका क्या विचार है इनमें कौन सा तरीका तकनीकी रुप से सबसे सही है ? क्या कोई इससे बेहतर तरीका आपको सूझता है। इस बारे में सलाह दें।

रवि जी आपने ‘छींटे और बौछारें’ से पोस्टें ‘रविरतलामी का हिन्दी ब्लॉग’ पर लाने के लिए क्या तरीका अपनाया था ?

कई बार जीमेल द्वारा प्राप्त संदेश में हिन्दी का कचरा बन जाता है जिससे वो न तो पढ़ी जा सकती है और न ही संपादन योग्य रहती है। मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है उदाहरण के लिए एकबार रविरतलामी जी ने मुझे हिन्दी तकनीकी शब्द-संग्रह भेजा था जो कि कचरा बन गया था। इसी प्रकार परसों रजनीश मंगला जी का एक मेल आया उसमें भी हिन्दी का कचरा बन गया था।

परिचर्चा से जो मेल आती है उसमें तो हमेशा ही ऐसा होता है। इसके अतिरिक्त कई बार अक्सर चिट्ठों की फीड में भी हिन्दी की जगह कचरा दिखाई देता है। वर्डप्रैस.कॉम के हिन्दी होमपेज पर भी कभी-कभी Blog of the Minute में ऐसा होता है।

इस का कारण अक्सर बताया जाता है कि ब्राउजर की एन्कोडिंग सही नहीं है तथा सलाह दी जाती है कि ब्राउजर की एन्कोडिंग यूनीकोड (UTF-8) कर दी जाए लेकिन इसके बावजूद भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

हाल ही में मुझे इसके लिए एक हल मिल गया – हिन्दी यूनीकोड रिपेयर टूल।

(बड़ी तथा स्पष्ट इमेज देखने के लिए स्क्रीनशॉट पर क्लिक कीजिए)

यह एक ऑनलाइन टूल है जो कि खासकर जीमेल वाली समस्या को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें दिए गए खाने में करप्ट हुए हिन्दी टेक्स्ट को चिपका कर ‘Fix It’ बटन दबाइए और यह तत्काल ही हिन्दी टेक्स्ट रिपेयर करके दिखा देगा। यहाँ से आप इसे कॉपी कर कहीं भी काम में ले सकते हैं।

वैसे इस एन्कोडिंग के करप्ट होने का मूल कारण क्या होता है कोई बता सकता है ?

टैस्टिंग Picture Post प्लगइन…

टैस्टिंग Insert Website Image प्लगइन…

टैस्टिंग Windows Live Maps…

टैस्टिंग Insert Video प्लगइन…

 

http://www.youtube.com/watch?v=xUGdFXQ8EXI

टैस्टिंग वर्डप्रैस.कॉम वीडियो Syntax…

टैस्टिंग Paste As प्लगइन…

The quick brown fox jumps over the lazy dog.

टैस्टिंग Feed  Reader प्लगइन...

गिरिराज भाई को हँसाना है – पंडित जी, कविराज और डाकू

सुना है कि गिरिराज भाई आजकल दुखी टाइप हो रहे हैं और इसी हालत में वो अजीब-अजीब दार्शनिक बातें कर रहे हैं। नहीं-नहीं सरकार कविता लिखने पर प्रतिबंध नहीं लगाने जा रही। इसका कारण फुरसतिया भाईसाहब बता रहे हैं। तो फिर गिरिराज भाई नालायक मन को कोसने में लगे हैं। अब हमारा फर्ज बनता है […]

टैस्टिंग Insert Tags प्लगइन…

del.icio.us tags:

Technorati tags:

सुना है कि गिरिराज भाई आजकल दुखी टाइप हो रहे हैं और इसी हालत में वो अजीब-अजीब दार्शनिक बातें कर रहे हैं। नहीं-नहीं सरकार कविता लिखने पर प्रतिबंध नहीं लगाने जा रही। इसका कारण फुरसतिया भाईसाहब बता रहे हैं। तो फिर गिरिराज भाई नालायक मन को कोसने में लगे हैं। अब हमारा फर्ज बनता है कि ऐसे मैं हम ऑपरेशन गिरिराज भाई को हँसाना है चलाएं। इसी श्रृखंला की पहली कड़ी में मैं आपको एक पुरानी घटना सुनाता हूँ। इस श्रृँखला को कोई भी आगे बढ़ा सकता है। (सागर भाई सुन रहे हैं ना)

एक बार पंडित जी और कविराज बातें कर रहे थे। पंडित जी – अरे यार पता है एक बार मैं जब घनघोर जंगल से जा रहा था तो मुझे डाकुओं ने घेर लिया और मेरी घडी़, चेन, बटुआ सब लूट लिया। कविराज – लेकिन आपके पास पिस्तौल भी तो थी। पंडित जी – हाँ लेकिन शुक्र है उस पर उनकी नजर नहीं पड़ी

कविराज – अब मेरी सुनो, एक बार मुझे भी रामगढ़ गाँव में डाकुओं ने घेर लिया। डाकुओं का सरदार गब्बर सिंह बोला – यहाँ से ५ मील…, जो कुछ है हमारे हवाले कर दो। कविराज – तुम मुझे जानते नहीं। गब्बर सिंह – कौन हो तुम। कविराज – यहाँ से १० मील दूर किसी गाँव में जब भी कोई बच्चा रोता है तो माँ कहती है बेटा सो जा, सो जा नहीं तो कविराज आ जाएगा। अब तुम यहाँ से खिसकते हो या कविता सुनानी शुरु करुँ…

कहते हैं डाकू गब्बर सिंह दुबारा रामगढ़ में नहीं दिखाई दिया। Giggle

फिलहाल देश में आम उपभोक्ताओं के लिए BSNL का डाटावन ब्रॉडबैंड ही अफोर्डेबल (कृपया इस के लिए कोई हिन्दी शब्द बताएं) है। इसके अतिरिक्त नए साल में BSNL ने आकर्षक घोषणा भी की है। अब जैसे रवि जी कह रहे थे कि BSNL ने ब्रॉडबैंड इस्तेमाल की जानकारी हेतु जो साइट बनाई है वह केवल इंटरनेट एक्सप्लोरर पर कार्य करती है। अब इसका एक इलाज तो यह है कि फायरफॉक्स में IE Tab एक्सटेंशन का प्रयोग किया जाए। इस एक्सटेंशन के प्रयोग द्वारा आप कोई भी साइट IE के इंजन का प्रयोग करके फायरफॉक्स के टैब में खोल सकते हो। यही नहीं आप कुछ निश्चित साइटों को हमेशा IE Tab में खुलने के लिए सैट कर सकते हो।

परंतु हमारे पास इससे अच्छा तरीका मौजूद है। डाटावन की वेबसाइट सिर्फ महीने की कुल प्रयोग की गई बैंडविडथ दर्शाती है। DataOne Bandwidth Usage Finder नाम का टूल मुफ्त तथा शुल्क योग्य बैंडविडथ के इस्तेमाल को अलग-अलग दर्शाता है। इसके अतिरिक्त यह महीने भर के इंटरनेट प्रयोग को चार्ट के रुप में भी दिखाता है। यह सिर्फ ७६.९ केबी साइज का है। स्क्रीनशॉट्स नीचे देखिए

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लॉगइन करने के लिए निम्न सूचना डालिए:

DataOne Tool_Login

  1. अपना डाटावन यूजरनेम
  2. पासवर्ड
  3. महीना चुनिए जिस के लिए इस्तेमाल जाँचना हो
  4. यहाँ पर यह URL डालिए – http://10.241.48.195/webLogin.jsp

संबंधित कडि़याँ

होमपेज
डाउनलोड

कल रविरतलामी जी के ब्लॉग पर पढ़ा कि BSNL ने नए साल में ब्रॉडबैंड दरों में कमी की घोषणा की है। तो जी गया खुशी-खुशी BSNL की साइट पर। कुल किराया नहीं घटाया गया है बल्कि डाटा ट्रांसफर लिमिट (Download/Upload Limit) बढ़ा दी गई है तथा लिमिट से ज्यादा प्रयोग का शुल्क (Additional Usage Charge) घटा दिया गया है। खैर यह भी काफी अच्छा समाचार है।

स्टार्ट अप प्लान २५० जिसमें २५० रुपए महीने में ४०० एमबी लिमिट थी बढ़ा कर १ जीबी कर दी गई है। लिमिट से अतिरिक्त प्रयोग का शुल्क (एडीशनल यूसेज चार्ज) भी १.४० रुपए से घटाकर ०.९० रुपए कर दिया गया है।

होम प्लान ५०० जिसमें ५०० रुपए महीने में १ जीबी लिमिट थी बढ़ा कर २.५ जीबी कर दी गई है। एडीशनल यूसेज चार्ज भी घटाकर ०.८० रुपए कर दिया है।

होम प्लान ९०० (अनलिमिटेड डाटा ट्रांसफर) में कोई परिवर्तन नहीं है।

उपरोक्त तीनों प्लानों की स्पीड २५६ केबीपीएस है। होम प्लान ५०० में रात २.०० बजे से सुबह ८.०० बजे तक (Night Unlimited) तक डाटा ट्रांसफर मुफ्त है। तो इस प्लान वाले भाईलोग रात को डाउनलोड वगैरा किया करते हैं।

मैंने डायल-अप कनेक्शन से तंग आकर अगस्त में डाटावन ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया था। शुरुआत स्टार्ट अप प्लान २५० (लिमिट ४०० एमबी) से की थी। पहले महीने तो संयम से काम लिया और डाटा ट्रांसफर हुआ 408.874 MB. सितम्बर में जरा ढीला पड़ गया। ब्रॉडबैंड की स्पीड में बहक गया, रात-दिन की सर्फिंग और डाउनलोड पर डाउनलोड तो जी डाटा ट्रांसफर हुआ 1517.273 MB. अक्तूबर में 1275.889 MB और नवंबर में 1438.075 MB. तो भईया टेलीफोन बिल आया क्रमशः ४००० रुपए और लगभग १५०० रुपए। लो जी घरवाले पीछे पड़ गए बंद कर यह आफत, कटवा दे कनेक्शन। तो जनाब जाकर प्लान बदल कर ले लिया होम प्लान ५०० (१ जीबी लिमिट वाला) अब दिसंबर से उसी को प्रयोग कर रहा हूँ। दिन में सर्फिंग करता हूँ और रात को उल्लू की तरह जागकर डाउनलोड। इसका फल अच्छा आया और दिसंबर में ट्रांसफर रहा 938.790 MB (फ्री घंटे निकालकर) तथा 3.109 GB (फ्री घंटो को मिलाकर) अर्थात कुल मिलाकर लिमिट में ही रहा।

अब चूंकि BSNL ने मेरे वाले प्लान की लिमिट बढ़ाकर २.५ जीबी कर दी है तो अब लिमिट पार होने का खतरा नहीं रहा। अपनी कमियों के बावजूद कम से कम हम छोटे शहर वालों के लिए BSNL ही एकमात्र सहारा है। वैसे मेरे शहर (यमुनानगर) में कुछ समय पहले Sify वालों का iway भी शुरु हुआ था तथा शायद Airtel का भी ब्रॉडबैंड शुरु होने वाला/हो चुका है परंतु वे बहुत महंगे हैं।

BSNL ब्रॉडबैंड सेवा के सभी प्लानों का विस्तृत ब्यौरा यहाँ पढ़ें

सभी डाटावन उपभोक्ताओं को बधाई ! जुग-जुग जियो BSNL और शुल्क घटाते रहो। 😛

ब्लॉगिंग ने वेब को दोतरफा संवाद माध्यम में बदल दिया है। सभी ब्लॉगर चाहते हैं कि ब्लॉग लिखना सरलतम तथा आनंददायक काम बने। अधिकतर ब्लॉगर ब्लॉगिंग सर्विस के वेब आधारित अंतर्निमित एडीटर से लिखना शुरु करते हैं जिससे काम तो चल जाता है पर इसमें अधिक फंक्शनैलिटी नहीं होती। अगर ऐतिहासिक दृष्टि से बात करें तो सबसे पहले डेस्कटॉप ब्लॉगिंग टूल आये जैसे w.Bloggar तथा BlogJet आदि। इसके बाद नंबर आता है ब्राउजर आधारित टूल्स का जैसे Flock तथा Performancing. इसी श्रृखंला में नवीनतम हैं MS Word 2007 का अंतर्निमित ब्लॉग एडीटर था Windows Live Writer।

जहाँ तक बात है ब्लॉगिंग सर्विस के वेब आधारित अंतर्निमित एडीटर की तो उसके के उपयोग में दो नुक्सान हैं एक तो वहाँ उपलब्ध Rich Text Editor सीमित संसाधन युक्त होत है मतलब उसमें फंक्शन कम होते हैं साथ ही लिखने की जगह भी बहुत सीमित सी होती है दूसरा नुक्सान है आपको ऑनलाइन रहते हुए लिखना पड़ता है जिससे मेरे जैसे सीमित इंटरनेट कनेक्शन वाले को बिल की ही चिंता सताती रहती है। डेस्कटॉप ब्लॉगिंग टूल एक रिच टेक्स्ट एडीटर/वर्ड प्रोसेसर जैसा टूल होता है जिसमें ब्लॉगिंग सबधित कई फंक्शन होते हैं। आप ऑफलाइन रह कर पोस्ट लिखते हो, उसे सजाते संवारते हो, काम फाइनल हो जाने पर ऑनलाइन होकर पोस्ट प्रकाशित (Publish) कर देते हो। पोस्ट को ड्राफ्ट के रूप में सहेजने (Save) करने की सुविधा के कारण आप उसे कई चरणों में लिख सकते हैं। ब्राउजर आधारित टूल वेब आधारित तथा डेस्कटॉप आधारित टॄल्स के बीच की चीज है। इनमें Performaing जो कि एक फायरफॉक्स एड-ऑन है काफी उन्नत है परंतु डेस्कटॉप ब्लॉगिंग टूल इन तीनों प्रकार के टूल्स में बाजी मार ले जाते हैं अब तक जो टूल विंडोज उपयोगकर्ताओं द्वारा सर्वाधिक प्रयोग हो रहा था वह है w.bloggar पर एक तो अब इसका डेवलपमेंट मंद पड़ गया है। दूसरा Windows Live Writer की विशिष्ट खूबियों के चलते यह इस दौड़ में पिछड़ गया है।

बिल्लू भैया एंड कंपनी ने १३ अगस्त २००६ को बहुत काम का औजार निकाला विंडोज लाइव राइटर। यद्यपि यह Live Spaces को ध्यान में रखकर बनाया गया था परंतु यह अधिकतर ब्लॉगिंग सेवाओं पर कार्य कर लेता है। इसका लेआउट माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसा है, यह अभी बीटा चरण में है तथापि काफी अच्छा कार्य करता है।

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विंडोज लाइव राइटर में बहुत सी विशेषताएं हैं जैसे WYSIWYG या HTML मोड में पूर्वालोकन, आसान फोटो-पब्लिशिंग, श्रेणियाँ (Tagging) तथा अधिकतर ब्लॉगिंग प्लेटफार्म हेतु सपोर्ट परंतु यह सब तो पुराने डेस्कटॉप क्लाइंट यथा w.bloggar आदि में भी था। इसे उन सब से अलग बनाती हैं कुछ निम्नलिखित खूबियाँ:

  • “Web Layout” मोड में लेखन जिससे आप को लगता है कि जैसे आप साक्षात अपने ब्लॉग में लिख रहे हों। आपको लिखते हुए पोस्ट जैसी दिखाई देगी, पब्लिश होने पर ठीक वैसी ही होगी।
  • इसमें प्ल्ग‍इन फंक्शनैलिटी है जिसके द्वारा इसमें नये फीचर जोड़े जा सकते हैं। (फायरफॉक्स एक्सटेंशनों की तरह)

इसका इंटरफेस साफ-सुथरा है तथा माइक्रोसॉफ्ट-वर्ड से मिलता जुलता है। इतना ही नहीं इसकी शब्द-संपादन कार्य-प्रणाली भी वर्ड जैसी ही है जिससे की नये प्रयोगकर्ताओं को इसे सीखने में वक्त नहीं लगता जो कि इसके प्रचलन का एक प्रमुख कारण भी है। साथ ही वर्तनी जाँचक की सुविधा भी है लेकिन यह इंग्लिश तक सीमित है।

WLW_Add New Weblog

इसको इंस्टाल करना w.bloggar आदि अन्य टूल्स की तुलना में अत्यंत आसान है। बस अपना ब्लॉग का URL, य़ूजरनेम तथा पासवर्ड दीजिए तथा बाकी काम यह स्वयं कर लेगा। यह लॉग‍इन करके Weblog Style तथा अन्य फाइलें डाउनलोड कर लेता है। अगर आप इंटरनेट एक्सप्लोरर प्रयोग करते हैं तो इसमें उसके लिए एक टूलबार इंस्टाल करने का विकल्प भी है लेकिन मेरी तरह कई लोग टूलबार पसंद नहीं करते। इसके अतिरिक्त यह नये यूजरों के लिए Live Spaces के लिए साइनअप करने का भी विकल्प देता है पर हिन्दी ब्लॉगर लाइव स्पेसिज का प्रयोग नहीं करते।

जब आप WLW को पहली बार स्टार्ट करते हैं तो यह एक new, blank पोस्ट दिखाता है। यह आपके ब्लॉग के CSS को डाउनलोड कर लेता है तथा आपके ब्लॉग का एक काल्पनिक वर्जन बना देता है जिससे आपको लगता है कि जैसे आप सीधे ही अपने ब्लॉग में लिख रहे हों। आजकल ज्यादातर ब्लॉग एडीटरों में WYSIWYG (What You See Is What You Get अर्थात जैसा देखो वैसा प्राप्त होगा) होता है लेकिन WLW इस सबसे एक कदम आगे है यह आपके ब्लॉग का Template इस्तेमाल करता है जिससे आप जिसके रंग, चौड़ाई आदि आपके ब्लॉग जितनी ही होती है जिससे कि एडीटर स्क्रीन बिल्कुल आपके ब्लॉग जैसी ही दिखाई देती है। इसमें तीन WYSIWYG मोड हैं – Normal, Web Layout तथा Web Preview. मैं वेब लेआउट मोड में लिखता हूँ। वेब प्रिव्यू मोड में यह आपका ब्लॉग नई सामग्री के साथ दिखाता है जिससे ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि आपने पोस्ट को पब्लिश कर दिया हो।

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नीचे Post Properties तथा Trackbacks bar है जिसमें आप पोस्ट संबंधी विभिन्न विकल्प जैसे Time Stamp, Keywords, Comments तथा Trackback संबंधी विकल्प तथा Trackback भेजने के लिए URL आदि कॉन्फिगर कर सकते हैं। ऊपर दाईं तरफ आप पोस्ट के लिए श्रेणियाँ चुन सकते हैं जिसे WLW आपके ब्लॉग से खोज लेता है। आप ड्रॉफ्ट को अपने कम्यूटर तथा ब्लॉग सर्वर दोनों पर सहेज सकते हैं। ऊपर टूलबार से पब्लिश ड्रॉप-डाउन बॉक्स से आप अपनी पोस्ट को ड्रॉफ्ट के रुप में ब्लॉग पर सहेज सकते हैं अथवा सीधे पोस्ट कर सकते हैं। पिछली पोस्टों को खोला तथा संपादित भी किया जा सकता है। एक फीचर Map Publishing जिसमें यह Live.com Maps ब्लॉग का प्रयोग करता है पर यह फीचर ज्यादा प्रयोग नहीं होती।

प्लगइन

माइक्रोसॉफ्ट ने WLW के लिए SDK (Application API) जारी किया है जिसके द्वारा डेवेलपर इसके लिए प्ल्गइन बनाकर इसमें नये फीचर्स जोड़ सकते हैं। यह फायरफॉक्स एक्स्टेम्शनों (जिन्हें संस्करण २.० से एड-ऑन कहा जा रहा है) जैसी ही सुविधा है जो कि फायरफॉक्स के लोकप्रिय होने का एक प्रमुख कारण था यही बात WLW के लिए भी कही जा सकती है। इस तरह का काम माइक्रोसॉफ्ट ने मेरे विचार से पहली बार किया है। 🙂

प्लगइन जमा कराने तथा डाउनलोड के लिए लाइव गैलरी है इसके अतिरिक्त कुछ अन-ऑफिशियल साइटों से भी इन्हें डाउनलोड किया जा सकता है।

फोटोपब्लिशिंग

अपने कम्प्यूटर अथवा वेब से फोटो पोस्ट में डाली जा सकती है, इसके अतिरिक्त फ्लिकर से फोटो डालने के लिए भी प्लगइन उपलब्ध हैं। यह फोटो को अपने आप रीसाइज कर लेता है तथा उसका थम्बनेल डाल देता है जिस पर क्लिक करने से मूल इमेज पर जाया जा सकता है। इसके अतितिक्त इमेज संबंधी बहुत विकल्प हैं जिनमें drop shadow, adjusting brightness, contrast, sharpen, emboss तथा अन्य इफेक्ट शामिल हैं। आप इमेजिस को FTP सर्वर पर भी अपलोड कर सकते हैं।

पॉडकास्टिंग

ऑडियो तथा वीडियो पोस्ट करने हेतु कुछ प्लगइन उपलब्ध हैं लेकिन चूंकि मैं वर्डप्रैस.कॉम प्रयोग करता हूँ जिसमें इन्हें केवल एक लाइन लिखकर पोस्ट किया जा सकता है अतः इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दे सकता।

कमियाँ

कमियाँ हर चीज में होती हैं तथा WLW इसका अपवाद नहीं है। जब भी आप एक नई पोस्ट अथवा ड्रॉफ्ट बनाना चाहते हैं एक नई विंडो खुल जाती है जो कि काफी खीझ भरा है। इसी तरह फाइल मीनू में Close Post जैसा विकल्प भी नहीं है।

अगर किसी पुरानी पोस्ट को संपादित करें तथा उसमें <!- -more- -> टैग हो जिसे कि “continue reading” संवाद के लिए प्रयोग किया जाता है तो यह केवल उपरोक्त टैग से पहले तक की ही पोस्ट दिखाएगा बाद की नहीं।

इसके अतिरिक्त भी इसमें कई कमियाँ हैं परंतु चूंकि यह अभी बीटा स्टेज में है इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि फाइनल संस्करण में इन्हें दूर कर लिया जाएगा। लेकिन अच्छी बात यह है कि आप WLW ग्रुप फोरम में इन के बारे में बता सकते हैं तथा WLW टीम इस बारें में सुनती है और आपके प्रश्नों का जवाब देती है।

उपसंहार

अगर तो आपको संक्षिप्त पोस्ट लिखनी हो जिसमें विशेष फॉर्मेटिंग की आवश्यकता न हो तो ब्लॉग-सेवा के वेब आधारित इंटरफेस का प्रयोग करें परंतु यदि आपको लंबी तथा सजा-संवार कर पोस्ट लिखनी हो तो WLW से अच्छा कुछ नहीं। मैं तो अब छोटी से छोटी पोस्ट भी इसमें लिखता हूँ। एक बार प्रयोग शुरु करने के बाद आपको भी इसकी आदत हो जाएगी जिसके बाद सीमित सुविधा वाले वेब-आधारित एडीटर में लिखने का मन ही नहीं करता। ‘फुरसतिया’ जी के लिए तो मैं इसे खास रिकमेन्ड करूँगा।

अब चिट्ठाकारी न करने का कोई बहाना नहीं चलेगा। smile_nerd

नोट: कल WLW की प्रैक्टिकल क्लास लगेगी। इस लिए सभी छात्र हाजिर रहें। ‘कविराज’ सुन रहे हैं न।

संबंधित कड़ियाँ

Writer Zone (WLW ब्लॉग)
विंडोज लाइव राइटर डाउनलोड
विंडोज लाइव राइटर फोरम ग्रुप
विंडोज लाइव गैलरी (WLW प्लगइन ऑफीशियल साइट)
wlwplugins.com (WLW प्लगइन अनऑफीशियल साइट)

दो दिनों से घर से बाहर था। आकर पता चला कि मुझे ‘उदीयमान चिट्ठाकार २००६’ के प्रथम चरण के १२ उम्मीदवारों में चुन लिया गया है। चिट्ठाजगत में आये हुए मुझे अभी २ महीने ही हुए हैं दूसरे शब्दों में कहूँ तो मुझे अभी पूरा मौका भी नहीं मिला। लेकिन फिर भी निर्णायक मंडल ने मुझे इस योग्य समझा इस हेतु मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ। वरिष्ठ चिट्ठाकार अनूप भाईसाहब द्वारा कही गई ये पंक्तियाँ भी मेरे लिए इनाम से कम नहीं हैं।

ई-पंडित के नाम से अपना चिट्ठा लिखने वाले श्रीश सबसे नये चिट्ठाकारों में से होने के बावजूद अपने दनादन लेखन से चिट्ठाजगत में काम भर की हलचल मचा चुके हैं। शुरुआती दिनों में श्रीश ने अपना काफी समय अपने नाम की वर्तनी समझाने में लगाया लेकिन लोग हैं कि समझते ही नहीं। अपने देर से लिखना शुरू करने की भरपाई वे ढेर सारे लेखन से कर रहे हैं। तकनीकी लेखन के अलावा हास्य, गंभीर और विचारोत्तेजक लेख लिखकर श्रीशजी मात्र दो माह में एक लोकप्रिय चिट्ठाकार बन चुके हैं। वे अक्सर अपने पाठकों को चुटकुले सुनाकर उनका मनोरंजन भी करते रहते हैं।

यह प्रतियोगिता तो चिट्ठाकारों में आपसी भाईचारा और संवाद बढ़ाने का एक बहाना है। हार-जीत मायने नहीं रखती। वरिष्ठ चिट्ठाकारों द्वारा नए चिट्ठाकारों का उत्साहवर्धन हेतु यह उत्तम उपाय किया गया है। उम्मीद करता हूँ भविष्य में आप लोग इसी तरह मेरा हौंसला बढ़ाते रहेंगे।

Happy New Year

सम्पूर्ण चिट्ठाजगत को मेरी ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !

भगवान करे यह वर्ष आप सब के जीवन में अनंत खुशियाँ लेकर आए तथा आप निरंतर जीवन-पथ पर उन्नति करें।

Happy New Year 2007

अब आप रेडियो-झूठिस्तान 420FM से ताजे समाचार सुनिए:

  • घर वालों की शिकायत तथा अपने डुप्लीकेट से तंग आकर जीतू भाई ने चिट्ठाकारी बंद करने का फैसला किया है। कुवैत सरकार ने एक बयान जारी कर इस फैसले पर खुशी जताई है
  • प्रतीक पांडे जी ने सुंदरियों का मोह त्यागकर संन्यास ले लिया है। अब वे ‘टाइमपास’ बंद कर तपस्या करने हेतु हिमालय प्रस्थान करेंगे।
    (अपडेट – सुना है कि इन्द्र उनकी तपस्या भंग करने हेतु कुछ हॉट अप्सराओं को भेजने की तैयारी कर रहे हैं)
  • व्यंग्यराज फुरसतिया महाराज ने टाइपिंग के झमेले से तंग आकर अबसे केवल हायकू लिखने का निर्णय लिया है। उनकी जगह उनके ‘किंग साइज’ व्यंग्य अब आलोक भाई लिखेंगे।
  • एक अत्यंत गोपनीय खबर पता चली है कि स्टार टिप्पणीकार संजय भाई ने एक प्रोग्राम बनाया है जो सबके चिट्ठों पर जाकर स्वतः ही विषयानुसार टिप्पणी कर देगा। उन्होंने आज से इसका परीक्षण भी शुरु कर दिया है। यह आमतौर पर किसी भी पोस्ट पर पहली टिप्पणी करता है।
  • डुप्लीकेट जीतू नामक वायरस का नया वर्जन Duplicate Jitu 2.0 कल रात से जारी हो गया है तथा बहुत तेजी से फैल रहा है। इसकी विशेषता है कि यह दो टिप्पणियाँ करता है जिसमें से दूसरी वाली कुछ इस तरह से होती है:
    ऊपर वाली टिप्पणी मेरी नहीं है। Please avoid it.

शेष समाचार दूसरे बुलेटिन में …

डोंट टेक इट अदरवाइज़, ईस्माईली इज़ अटैच्ड। Hysterical

एक पागल को जेल हो गई। उसने अपना हाथ काटकर जेल से बाहर फैंक दिया।

किसी ने पूछा : यह क्या कर रहे हो ?

पागल ने कहा : मैं किश्तों में बाहर चला जाऊँगा।