Windows® XP हिंदी Interface Pack (LIP)
नवम्बर 21, 2006
आप जानते होंगे कि बिल्लू भैया और उनकी मंडली ने विंडोज एक्स पी का हिन्दी संस्करण विंडोज एक्स पी स्टार्टर एडीशन नाम से निकाला है। परंतु विंडोज एक्स पी के लिए भी हिन्दी Language Interface Pack (LIP) उपलब्ध है। इसे इंस्टाल करने के बाद टूलबार, मीनू, स्टार्ट बटन, लॉगऑन स्क्रीन आदि सभी हिन्दी टेक्स्ट में प्रदर्शित होते हैं। यद्यपि शुरु में इसे इस्तेमाल करने में थोड़ी कठिनाई आती है परंतु इस देशी संस्करण का अनुभव मजेदार है।
Windows XP Professional या Windows XP Home Edition के लिए हिंदी इंटरफ़ेस पैक कई Windows XP User Interface को एक हिंदी यूज़र इंटरफ़ेस प्रदान करता है|
इसमें एक ही कमी है कि आप आसानी से हिन्दी और इंग्लिश इंटरफेस अदला-बदली नहीं कर सकते। डिफाल्ट इंग्लिश इंटरफेस प्रयोग करने के लिए आपको इसे ‘Add Remove Programs’ में से अनइंस्टाल करना पड़ेगा। और तो और एक बार इंस्टाल कर लेने पर हिन्दी इंटरफेस सभी यूजर अकाउंटस पर प्रभावी होगा तथा अलग-अलग यूजर अकाउंट के लिए अलग-अलग इंटरफेस का प्रयोग नहीं कर सकते।
मैंने दोंनो भाषाओं के इंटरफेस बदलने का कोई आसान तरीका ढूँढने की बहुत कोशिश की जिसका उल्लेख बाद में करुँगा, परंतु सफल नहीं हुआ।
स्क्रीनशॉटस:
विवरण तथा डाउनलोड:
Installing The Windows XP Hindi Language Interface Pack
डाउनलोड विवरण: Windows® XP हिंदी Interface Pack (WGA जाँच की आवश्यकता है)
डाउनलोड विवरण: Windows® XP हिंदी Interface Pack (WGA जाँच बाईपास की गई)
डायरेक्ट डाऊनलोड लिंक (यानि पतली गली से निकल लो)
डाउनलोड का आकार: 6.5 MB
नवम्बर 21, 2006 at 8:29 पूर्वाह्न
अच्छी जानकारी लायें हैं, बधाई.
नवम्बर 21, 2006 at 8:38 पूर्वाह्न
न दो की विन्डोज यानी पाइरेटड विन्डोज के लिये कोई जुगाड है। सीधे माइक्रोसाफ़्ट की साइट तो विन्डो का वैलीडेशन करेगी।
नवम्बर 21, 2006 at 8:45 पूर्वाह्न
बहुत ही अच्छी ज्ञानपूर्ण जानकारी ।
नवम्बर 21, 2006 at 11:21 पूर्वाह्न
बढ़िया जानकारी दी आपने !
नवम्बर 21, 2006 at 12:42 अपराह्न
अच्छी जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका
नवम्बर 21, 2006 at 7:42 अपराह्न
अमां टंडन अंकल, सरेआम पाइरेटेड विंडो की चाभी मांगते कुछ तो शर्म करो चाचा। ऐसे काम कर करके ही देसियो ने सबकी नाक चुल्लु भर पानी में डुबो दी।
खुदा करे पाइरेटेड साफ्टवेयर यूस करने वालो को या तो पायरिया हो जाये या पाइल्स।
नवम्बर 22, 2006 at 12:35 पूर्वाह्न
सभी को टिप्पणियों के लिए धन्यवाद।
@प्रशांत टंडन, डायरेक्ट डाऊनलोड लिंक (यानि पतली गली से निकल लो) वाला आपके ही लिए है। इसमें WGA Validation की आवश्यकता नहीं।
@जीतू, सही कहते हैं जीतू भाई पर क्या करें इस हमाम में सभी नंगे हैं, और इसके लिए बिल्लू भैया एंड कंपनी जैसे लोग भी जिम्मेदार हैं अब देखिए न उन लोगों ने विंडोज 98 तथा विंडोज ME के लिए सपोर्ट देना बंद कर दिया है तथा उनके नये उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं। उनका मकसद साफ है पुराने संस्करण को चलन से बाहर करके लोगों को नया तथा महंगा उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करना।
भारत जैसे देशों में कई लोग (मैं भी) अभी भी इन ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग करते हैं। अब सब के बस में तो है नहीं कि १०,००० रूपए की नई विंडोज खरीद सके तो वे पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का प्रयोग नहीं करेंगें तो क्या करेंगें। अब मुझे पता है आप क्या कहेंगे कि लिनक्स का प्रयोग करो, मेरे जैसे कई लोगों ने उत्साह में आकर प्रयोग शुरु तो किया पर थोड़े ही दिनों में तंग आकर छोड़ दिया। आज इतने विकास के बाद भी मेरा विचार यही है: Linux is Made by Geeks, for Geeks.
नवम्बर 22, 2006 at 5:12 पूर्वाह्न
मैं कोई गीक नहीं हूं न कंप्यूटर से जुड़ा व्यक्ति हूं फिर भी हमेशा लिनेक्स प्रयोग करता हूं। मैं नहीं समझता कि आपकी यह बात सच है
‘Linux is Made by Geeks, for Geeks’
हांलाकि यह सच है कि विंडोस में बहुत कुछ, ज्यादा आसानी से हो जाता है।
यदि कहीं जाना हो तो मर्सडीस़ की क्या जरूरत, एमबैस्डर कार भी काम देती है। अपनी कार चाहे वह एमबैस्डर क्यों नहो चोरी की गयी मर्सडीस़ से कहीं अच्छी है।
नवम्बर 22, 2006 at 6:09 पूर्वाह्न
जीतू भाई,
मुझे अगर पहले मालूम होता कि आप सर के ऊपर से बाउन्सर मारने वाले हो तो मै हेल्मेट लगा के आता। वैसे वन डे मैच मे बाउन्सर को नो बाल कहलाते हैं।
मेरे पास दो कम्पयूटर हैं ,जो मै अपनी क्लीनिक मे प्रयोग करता हूँ उसमे xp original पडी है और साथ मे और भी साफ़्टवेएर ओरजीनल है (यहाँ मै इन्टरनेट प्रयोग नही करता), लेकिन मेरा दूसरा कम्पयूटर जो घर मे है उसमे न दो की है। दो-2 कम्पयूटर मे ओरजीनल सफ़्टवेएर का खर्चा झेलना मेरे बूते मे नही है। और फ़िर मै ही क्यूँ , मै दावे के साथ कह सकता हूँ कि अधिकतर लोग पाइरेटड विन्डो चला रहे हैं। मै श्रीश की बात से सहमत हूँ कि “अब सब के बस में तो है नहीं कि १०,००० रूपए की नई विंडोज खरीद सके तो वे पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का प्रयोग नहीं करेंगें तो क्या करेंगें। “ऐसा नही है कि कि माइक्रोसाफ़्ट वाले कीमत कम नही रख सकते , अगर हम अपने पडौसी देश पाकिस्तान को ले जहाँ माइक्रोसाफ़्ट ने भारत की तुलना मे अपनी कीमतें काफ़ी कम रखी हैं । बात सिर्फ़ विन्डोज के ओरीजिनल होने से नही है उसके बाद भी आप को अन्य साफ़्ट्वेएरो की आव्शयकता पडती है , आप कहाँ -2 फ़सते जायेगें।
उन्मुक्त भाई,
लिनक्स को प्रयोग करना मुझे नही आता, लेकिन आप कोई लिनक्स की आसान सी विन्डो बतायें ज्जिसका प्रयोग आसान हो तो अवशय कोशिश करुगाँ। लेकिन यहाँ भी मुसीबत घर मे बच्चों को लेकर है उनके अधिकतर गेम जो लिनक्स मे नही चलेगें।
नवम्बर 22, 2006 at 6:24 पूर्वाह्न
@ उन्मुक्त,
दरअसल उन्मुक्त जी मैंने एक बार रैडहैट लिनक्स इंस्टाल की थी, उसमें किसी भी एप्लीकेशन को इंस्टाल करना कितना मुश्किल था बता नहीं सकता पता नहीं डिपेंडेन्सीज का क्या चक्कर था। मैं एक ऑडियो-वीडियो प्लेयर इंस्टाल करने को तरस गया, दूसरा रैडहैट ऑपरेटिंग सिस्टम स्टार्ट होने में पूरे १५ मिनट लगाता था। इसी प्रकार मुझे पहले तो उसमें मोडेम का ड्राइवर ही नहीं मिला, २-३ महीने झक मारकर मिला भी तो इंस्टाल नहीं हुआ। इस सबसे तंग आकर मैंने उसे अलविदा कह दिया।
नवम्बर 22, 2006 at 10:22 पूर्वाह्न
Bhaiya, Upar wali comment meri nahi hai, woh bahrupiya fir se shuru ho gaya hai lagta hai.
Dr. saheb, please ignore ,
-jitu
नवम्बर 22, 2006 at 2:14 अपराह्न
जीतू जी,
इस समस्या का हल करे अन्यथा, लोग व्यर्थ मे आपके नाम का गालियां खाता फिरेगा। और आप माफी मागते। अपके नाम का ही क्यो हो रही है। सुझाव है व्यर्थ के पग्गे मत लिया करे। 🙂
नवम्बर 22, 2006 at 3:35 अपराह्न
हा हा हा, जीतू भाई अब तो शायद आपकी कमेंटस के लिए JGA (Jitu Genuine Adavantage) Validation शुरु करनी पड़ेगी।
नवम्बर 25, 2006 at 3:27 अपराह्न
[…] कुछ दिन श्रीश जी की चिट्ठी पर उन्हीं की टिप्पणी से पता लगा कि वे लिनेक्स का प्रयोग नहीं करते, क्यों कि वे गीक नहीं हैं। यह कुछ समय पहले कहा जा सकता था पर अब नहीं। इस समय लिनेक्स का प्रयोग करने के लिये गीक होना आवश्यक नहीं है, हांलाकि कुछ धैर्य की आवश्यकता है। कुछ सुविधाोओं का भी त्याग करना पड़ेगा। पर जो काम हम सब करते हैं वह बहुत आसानी से लिनेक्स में हो सकता है। […]
जनवरी 26, 2007 at 12:15 पूर्वाह्न
this software goog but how to downlods
जनवरी 26, 2007 at 3:13 पूर्वाह्न
@ kaleem,
कलीम जी, डाउनलोड लिंक पोस्ट के अंत में दिए गए हैं, आश्चर्य है आपने ध्यान नहीं दिया।
जनवरी 18, 2008 at 5:21 अपराह्न
Hi Dear!
When i m istalling lipsetup (downloded by the link that you have provided) it requires lip.dll file. In the msg it says that it seems to the lip.dll file is currupt or problem with your software.
Please send me the lip.dll file if u have.
with regards,
John Smith
फ़रवरी 3, 2009 at 7:05 अपराह्न
Hello, me bhi original xp use karta hu magar 1 problem hai ” jab bhi me interface pack(hindi) download karta hu to instalation ke samay takribam pura hane se pahale installer sare changes ROLL BACK kar deta hai aur msge aata hai ki “Installation Is not succesfull @ this time”
Madad mile to krapa hoye gi
फ़रवरी 17, 2009 at 11:35 पूर्वाह्न
thank you dear for direct link ……………